Wednesday, 9 May 2018

शापित मनुजत्व 

कहाँ कहाँ पारस की खोज में भटका हूँ
शोधे ग्रन्थ , शास्त्र ,श्रुति
साम वेद , हठ योग , इन्द्र जाल
बौनी पद चाल से खूँद डाले
सप्त सिन्धु , नागा लोक , माड़ो , महोबा
पारस क्या परस  सका ?
सभी कुछ बटोरा है मन के भरमानें को
रजत बाल , स्वर्ण नाल
साँय - प्रातः , गोरा गात
मधु की उवास पर खेलता खरीदा हास
हँसा क्या सरस सका ?
मन की लौह परतें क्या अछूती रह जायेंगीं
पारस की माया से
देह की उष्मा न शीतल हो पायेगी
प्राणों की छाया से ?
ऋषि वर्ग जरातुष्ट , अमिताभ , महावीर
नानक , मोहम्मद
अक्षत नभ ज्योति है -----------------
शापित मनुजत्व पर मेरा भी सत्य है | 

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