Thursday, 10 May 2018

प्रश्न सौ हैं 

प्रश्न दो हैं किन्तु उत्तर एक है
हम न जानें तो घटा क्या
बुद्धि -गरिमा बीरबल की जानती थी
अश्व क्योंकर अड़ गया
पान कैसे सड़ गया
साफ़ है ---फेरा न था |
प्रश्न सौ हैं किन्तु उत्तर एक है
पास की रमिया चमाइन
देर से हर रात को क्यों लौटती है ?
उस गरीबा की रसोईं से धुआं
बस शाम को ही निकलता क्यों दीखता है ?
अर्धनग्ना बाँदरी सी वक्ष में मृत शिशु दबाये
प्लेट-फारम पर पसर क्यों एक काया रो रही है
हो चुकी है क्रान्ति दो दो बार
पर क्यों लग रहा है
क्रान्ति  कल फिर  हो रही है |
न्याय , ईश्वर , धर्म शुचिता
घूर की जड़ में पड़े हैं
एक तीखी वास नथुनें चीरती है
जान पड़ता है कहीं कुत्ते सड़े हैं
प्रश्न सौ हैं ---किन्तु उत्तर एक है
खोज देखो कवि तुम्हें ललकारता है |

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