Sunday 19 November 2017

                                                    हुन्डोमान , उनडोमान ,अण्डमान 

                                                      आज लगभग सभी पढ़े -लिखे लोग ऐसा माननें लगे हैं कि जमीनी दूरियाँ छोटी होती जा रही हैं और सारा विश्व गाँव जैसा बनता जा रहा है | गाँव में सभी एक दूसरे से परिचित होते हैं और एक -दूसरे से मिलना -जुलना एक सहज संभ्भव बात होती है | वायुयान अब मध्यम वर्ग की पकड़ में आते जा रहे हैं इसलिये विश्व भ्रमण धीरे -धीरे सहज सुलभ होता जा रहा है | साथ ही संचार क्रान्ति नें मोबाइल और इन्टरनेट के द्वारा विश्व व्यापी सम्पर्क का एक सुलभ और विश्वसनीय साधन प्रदान कर दिया है | होना तो यह चाहिये कि वैश्विक पहचान बनानें के लिये अब हम भौगोलिक सीमाओं के घेरबन्दी से ऊपर उठकर सारे विश्व को एक राष्ट्र के रूप में माननें लगें | पर हो यह रहा है कि क्षेत्रीय और  सांस्कृतिक विभिन्नतायें और अधिक बढ़ती हुयी दिखायी पड़ती हैं | अन्तर्राष्ट्रीय द्रष्टिकोण की बात एक चमकदार मौलममें के अलावा मानव चेतना पर गहरा असर करती दिखायी नहीं पड़ रही है | अभी कुछ दिन पहले कुछ इतिहासकार मित्रों के साथ अण्डमान निकोबार द्वीप समूहों के केन्द्रीय नगर पोर्टब्लेयर में जानें का सुअवसर हाँथ आ गया था | वहां की Sellular Jail में लाइट और साउण्ड शो देखनें का मौक़ा मिला | हम सब जानते ही हैं कि अण्डमान की इस सेलुलर जेल में उम्र कैद काटनें वाले अपराधी और स्वतन्त्रता के लिये संघर्ष करनें वाले सेनानी जिन्हें अंग्रेज लोग बागी कहते थे रखे जाते थे | लाइट और साउण्ड शो में जो बात सबसे पहले बतायी गयी वह थी अण्डमान के नामकरण के सम्बन्ध में | कहा गया कि अण्डमान नाम हुन्डोमान नाम के ध्वनि सामीप्य के कारण पड़ गया | अण्डमान निवासी और थाईलैण्ड के मूल निवासी राम भक्त हनुमान को हुन्डोमान कहकर पुकारते थे | अंग्रेजों नें जब इन द्वीपसमूहों पर अधिकार जमाया तो हुन्डोमान उंडोमान से होता हुआ अण्डमान तक पहुंच गया | साउण्ड शो में यह भी बताया गया कि पहले श्री राम नें अण्डमान से ही रावण की लंका पर चढ़ाई की योजना बनायी थी पर बाद में सेनापति हुन्डोमान की सलाह पर उन्होंने तमिलनाडु में धनुष कोटि से लंका अभियान की योजना तैय्यार की | हमारे इतिहासकार मित्रों नें बाद में चर्चा के दौरान यह स्वीकार किया कि राम के अभियान के साथ अण्डमान का नाम जोड़ना किसी ठोस ऐतिहासिक आधार पर सिद्ध नहीं किया जा सकता | सम्भवतः भारत के महानतम नायक और अवतारी पुरुष श्री राम के साथ अण्डमान का सम्बन्ध भारत की राष्ट्रीय अस्मिता को और अधिक प्रभावी बनानें के लिये किया गया है | जो हो , इतना तो सत्य है कि विश्व मानवता भले ही अन्तरिक्ष में पैठ कर नये ग्रहों का मार्ग खोज रही हो पर उसकी क्षेत्रीय विभिन्नतायें न केवल बरकरार है बल्कि और अधिक गहरी होती जा रही है | ( क्रमशः )

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