यह बौनों का देश यहाँ झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
कोलाहल में कोई भी स्वर साफ़ नहीं है
मैं -मैं ,तू -तू की है बज रहीं नकारें
निर्वासिता नारी की चीखें गूँज रही हैं
अब कुकृत्य का करना कोई पाप नहीं है
यह बौनों का देश यहां झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
युग द्रष्टा बस गये सितारों की दुनिया में
बौने कुत्ते सत्ता पत्तल चाट रहे हैं
दिव्य द्रष्टि छिप गयी काल की कुटिल चाल में
अन्धे बस अब निर्भय रेवड़ी बाँट रहे हैं
यह बौनों का देश यहां झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
जूझ रहे हैं कुछ सपूत माँ के दीवानें
असुर शक्तियाँ उनके भय से काँप रही हैं
पशु प्रवृत्ति से हैं धूमिल अन्तर की आभा
शत्रु शक्तियाँ घात लगाकर भांप रही हैं
यह बौनों का देश यहां झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
घास विदेशी सी यह बौनी पौध फैलती ही जाती है
चड़क पुत्र सा इसे समूल मिटाना होगा
यह बलिदानी घड़ी चुनौती देती हमको
राजनीति से खर -पतवार हटाना होगा
यह बौनों का देश यहाँ झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
कोलाहल में कोई भी स्वर साफ़ नहीं है
मैं -मैं ,तू -तू की है बज रहीं नकारें
निर्वासिता नारी की चीखें गूँज रही हैं
अब कुकृत्य का करना कोई पाप नहीं है
यह बौनों का देश यहां झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
युग द्रष्टा बस गये सितारों की दुनिया में
बौने कुत्ते सत्ता पत्तल चाट रहे हैं
दिव्य द्रष्टि छिप गयी काल की कुटिल चाल में
अन्धे बस अब निर्भय रेवड़ी बाँट रहे हैं
यह बौनों का देश यहां झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
जूझ रहे हैं कुछ सपूत माँ के दीवानें
असुर शक्तियाँ उनके भय से काँप रही हैं
पशु प्रवृत्ति से हैं धूमिल अन्तर की आभा
शत्रु शक्तियाँ घात लगाकर भांप रही हैं
यह बौनों का देश यहां झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
घास विदेशी सी यह बौनी पौध फैलती ही जाती है
चड़क पुत्र सा इसे समूल मिटाना होगा
यह बलिदानी घड़ी चुनौती देती हमको
राजनीति से खर -पतवार हटाना होगा
यह बौनों का देश यहाँ झुककर चलना है
पग -पग पर विस्फोट यहां रुक -रुक चलना है ।
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