( गतान्क से आगे। ……। )
महाकाव्यीय काल में पैठने से हम एक रहस्य से दूसरे रहस्य में फँसते चले जाते हैं । उन गहरे रहस्यों से दूर मध्य काल के साहित्य में भी कई ऐसे प्रसंग पाये जाते है जहाँ रूप की समानता अत्यन्त रोचक नाटकीयता को जन्म देती है। शैक्सपियर के कई नाटकों में भाई -बहन की आकृति की समानता को लेकर रोमांचक संयोग के अनेक दृश्य प्रस्तुत किये गये हैं। हिन्दी के पाठकों नें यदि वृन्दावन लाल वर्मा द्वारा लिखित उपन्यास गढ़ -कुंढार पढ़ा है तो वे जानते ही होंगें कि अग्नि दत्त और उसकी बहन तारा की रूप समानता को लेकर उपन्यास के कथानक को किस तरह चित्र -विचित्र मय बनाया गया है। और विश्वविद्यालयों और कालेजों में ऐसा देखने में आता है कि यदि Identical twins ब्रदर्स एक ही क्लास के भिन्न -भिन्न सेक्शनों में हो जाँय तो वे जब चाहें जिस किसी सेक्शन को अटेण्ड कर लें पता ही नहीं लग पाता कि कौन राम है और कौन श्याम । राम और श्याम का नाम आते ही मुझे उस फिल्म की याद आ जाती है जिसमें दिलीप कुमार नें राम और श्याम के रूप में Identical Twins के रोल अदा किये थे। उनके व्यक्तित्व का अन्तर उनकी इन्वायरनमेंट के प्रभाव से हुआ था पर मूलतः वे दोनों भाई नैतिक और शारीरिक शक्ति से सम्पन्न थे । और न जाने कितने ऐसे किस्से हैं जहाँ हम शक्ल भाई या हम शक्ल बहनें विपुल जन साहित्य को श्रष्टि देती रहती हैं ।
प्रोफेसर गेड्डा नें इटली में दो एक रूपीय भाइयों के असमंजस को एक पुलक भरी उत्सुकता जगाने वाली कहानी बनाकर पेश किया है । एक भाई पादरी था और एक भाई माना हुआ सर्जन ,कई लोग चर्च में पादरी को मिलनें के बाद सर्जन से फीस देकर यह पूछने आते थे कि वह अपनी पहचान को छिपाने के लिये पादरी क्यों बनते रहते हैं ?इसी प्रकार कई बार जब सर्जन के यहाँ से परामर्श के बाद कुछ लोग चर्च जाते तो पादरी साहब से अपनी बीमारी की बातें करनें लगते । डा o गेड्डा नें सुझाव दिया है कि ऐसी घटनायें छलरहित कहकहा लगवा देने का पूरा सरोजान तैय्यार रखती हैं। इधर हाल ही में वंश परम्परा से पायी हुई बीमारियों को लेकर Twins के माध्यम से गहरी खोजें की गयी हैं। लन्दन के एक मनो वैज्ञानिक संस्थान में कार्यरत डा o जेम्स शील्ड नें Identical Twins और सामान्य भ्रूण को लेकर मनोविज्ञान सम्बन्धी नयी सूझ -बूझ प्रदान की है। कुछ बीमारियों जैसे टी ० वी ० ;डायविटीज ; मिर्गी ; दमा और गठिया को वंशानुगत बीमारियों की श्रेणी में रखा गया है । ऐसा इसलिए किया गया है कि यदि Identical Twins में से एक को इनमें से कोई बीमारी होती है तो दूसरे में भी वही बीमारी पायी जाती है पर कुछ बीमारियों जैसे निमोनियाँ , जिगर या किडनी की बीमारियाँ या उच्च रक्तचाप वंशानुगत न होकर ( Environment ) Identical Twins से ज्यादा सम्बंधित है। कैन्सर भी परम्परागत श्रेणी में नहीं आता और हार्ट अटैक को लेकर रिसर्चेस किसी अन्तिम निर्णय पर नहीं पहुँची हैं बीते कल में हम जिसे भगवान की लीला कहते थे उसे आज हम मानव बुद्धि विकास की बौद्धिक सम्भावनाओं में घेर रहे हैं। सच तो यह है कि हर बीज और हर क्षेत्र में अपनी अलग -अलग परिस्थितियाॅ और आन्तरिक शक्तियाँ हैं। गहरा अन्वेषण कई बार थकान के कारण किनारे पर बैठ जाता है जिस प्रकार अध्यात्म की प्राप्ति सम्पूर्ण डूबने पर ही होती है वैसे ही वैज्ञानिक शक्ति की प्राप्ति भी पूर्ण तन्मयत : और स्वार्थ रहित समर्पण के बिना नहीं हो सकती। भारत वर्ष में भी विज्ञान की कुछ प्रयोग शालायें और कुछ विश्वविद्यालय प्रशिक्षण केन्द्र Twins के माध्यंम से Heredity यानि वंश परम्परा से प्राप्त बीमारियों के अध्ययन में जुटे हैं। Twins को उत्पन्न कर प्रकृति हमें शरीर विज्ञान के नये -नये अनुसंधानों का अवसर प्रदान कर रही है। आइये हम सब सत्य के खोजी बनें।
" जिन खोजा तीन पाइयाँ
गहरे पानी पैठ
मैं बैरी खोजन गयी
गयी किनारे बैठ "
महाकाव्यीय काल में पैठने से हम एक रहस्य से दूसरे रहस्य में फँसते चले जाते हैं । उन गहरे रहस्यों से दूर मध्य काल के साहित्य में भी कई ऐसे प्रसंग पाये जाते है जहाँ रूप की समानता अत्यन्त रोचक नाटकीयता को जन्म देती है। शैक्सपियर के कई नाटकों में भाई -बहन की आकृति की समानता को लेकर रोमांचक संयोग के अनेक दृश्य प्रस्तुत किये गये हैं। हिन्दी के पाठकों नें यदि वृन्दावन लाल वर्मा द्वारा लिखित उपन्यास गढ़ -कुंढार पढ़ा है तो वे जानते ही होंगें कि अग्नि दत्त और उसकी बहन तारा की रूप समानता को लेकर उपन्यास के कथानक को किस तरह चित्र -विचित्र मय बनाया गया है। और विश्वविद्यालयों और कालेजों में ऐसा देखने में आता है कि यदि Identical twins ब्रदर्स एक ही क्लास के भिन्न -भिन्न सेक्शनों में हो जाँय तो वे जब चाहें जिस किसी सेक्शन को अटेण्ड कर लें पता ही नहीं लग पाता कि कौन राम है और कौन श्याम । राम और श्याम का नाम आते ही मुझे उस फिल्म की याद आ जाती है जिसमें दिलीप कुमार नें राम और श्याम के रूप में Identical Twins के रोल अदा किये थे। उनके व्यक्तित्व का अन्तर उनकी इन्वायरनमेंट के प्रभाव से हुआ था पर मूलतः वे दोनों भाई नैतिक और शारीरिक शक्ति से सम्पन्न थे । और न जाने कितने ऐसे किस्से हैं जहाँ हम शक्ल भाई या हम शक्ल बहनें विपुल जन साहित्य को श्रष्टि देती रहती हैं ।
प्रोफेसर गेड्डा नें इटली में दो एक रूपीय भाइयों के असमंजस को एक पुलक भरी उत्सुकता जगाने वाली कहानी बनाकर पेश किया है । एक भाई पादरी था और एक भाई माना हुआ सर्जन ,कई लोग चर्च में पादरी को मिलनें के बाद सर्जन से फीस देकर यह पूछने आते थे कि वह अपनी पहचान को छिपाने के लिये पादरी क्यों बनते रहते हैं ?इसी प्रकार कई बार जब सर्जन के यहाँ से परामर्श के बाद कुछ लोग चर्च जाते तो पादरी साहब से अपनी बीमारी की बातें करनें लगते । डा o गेड्डा नें सुझाव दिया है कि ऐसी घटनायें छलरहित कहकहा लगवा देने का पूरा सरोजान तैय्यार रखती हैं। इधर हाल ही में वंश परम्परा से पायी हुई बीमारियों को लेकर Twins के माध्यम से गहरी खोजें की गयी हैं। लन्दन के एक मनो वैज्ञानिक संस्थान में कार्यरत डा o जेम्स शील्ड नें Identical Twins और सामान्य भ्रूण को लेकर मनोविज्ञान सम्बन्धी नयी सूझ -बूझ प्रदान की है। कुछ बीमारियों जैसे टी ० वी ० ;डायविटीज ; मिर्गी ; दमा और गठिया को वंशानुगत बीमारियों की श्रेणी में रखा गया है । ऐसा इसलिए किया गया है कि यदि Identical Twins में से एक को इनमें से कोई बीमारी होती है तो दूसरे में भी वही बीमारी पायी जाती है पर कुछ बीमारियों जैसे निमोनियाँ , जिगर या किडनी की बीमारियाँ या उच्च रक्तचाप वंशानुगत न होकर ( Environment ) Identical Twins से ज्यादा सम्बंधित है। कैन्सर भी परम्परागत श्रेणी में नहीं आता और हार्ट अटैक को लेकर रिसर्चेस किसी अन्तिम निर्णय पर नहीं पहुँची हैं बीते कल में हम जिसे भगवान की लीला कहते थे उसे आज हम मानव बुद्धि विकास की बौद्धिक सम्भावनाओं में घेर रहे हैं। सच तो यह है कि हर बीज और हर क्षेत्र में अपनी अलग -अलग परिस्थितियाॅ और आन्तरिक शक्तियाँ हैं। गहरा अन्वेषण कई बार थकान के कारण किनारे पर बैठ जाता है जिस प्रकार अध्यात्म की प्राप्ति सम्पूर्ण डूबने पर ही होती है वैसे ही वैज्ञानिक शक्ति की प्राप्ति भी पूर्ण तन्मयत : और स्वार्थ रहित समर्पण के बिना नहीं हो सकती। भारत वर्ष में भी विज्ञान की कुछ प्रयोग शालायें और कुछ विश्वविद्यालय प्रशिक्षण केन्द्र Twins के माध्यंम से Heredity यानि वंश परम्परा से प्राप्त बीमारियों के अध्ययन में जुटे हैं। Twins को उत्पन्न कर प्रकृति हमें शरीर विज्ञान के नये -नये अनुसंधानों का अवसर प्रदान कर रही है। आइये हम सब सत्य के खोजी बनें।
" जिन खोजा तीन पाइयाँ
गहरे पानी पैठ
मैं बैरी खोजन गयी
गयी किनारे बैठ "
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