काल का अजगर
काल का अजगर
आज अर्ध रात्रि में
केंचुल की परतें उतारेगा
नयी साज सज्जा ले
नयी शक्ति संचय कर
हिंसा -दबोच में
शांत मृग छौनें को
घेर बाँध
तोड़ मोड़ डालेगा |
आँखों में जल रहे
मारक सम्मोहन से
द्रष्टि- बद्ध मन्त्र -खचित
खिंचे चले आवेंगें
दूब के हरित तृण
दाँतों में दाबे
भोले शश -शावक |
जबड़े खुल जायेंगें
गरल - रसायन की छींटें पा
कितनें निरीह तन
कितनें अबोध मन
पड़े पड़े
उदर गुहा की
अंधेरी - अंध राहों में
हाय ! घुल जायेंगें |
काल का अजगर
रात्रि - सन्नाटे में
शिथिल कर गुंजलक
अन्तिम दम तोड़ते
बीते हुए वर्ष को
हड़पेगा |
दूर कहीं तारों भरी गलियों से
झाँक रहा शान्ति दूत
आंसू ढाल
तार तार
तड़पेगा |
शेष पर आस है
एक विश्वास है
नया वर्ष जन्मा है
इसे एक धार दो
गिरनें से पहले ही
उठ रही गुंजलक के
पार दो |
काल का अजगर
आज अर्ध रात्रि में
केंचुल की परतें उतारेगा
नयी साज सज्जा ले
नयी शक्ति संचय कर
हिंसा -दबोच में
शांत मृग छौनें को
घेर बाँध
तोड़ मोड़ डालेगा |
आँखों में जल रहे
मारक सम्मोहन से
द्रष्टि- बद्ध मन्त्र -खचित
खिंचे चले आवेंगें
दूब के हरित तृण
दाँतों में दाबे
भोले शश -शावक |
जबड़े खुल जायेंगें
गरल - रसायन की छींटें पा
कितनें निरीह तन
कितनें अबोध मन
पड़े पड़े
उदर गुहा की
अंधेरी - अंध राहों में
हाय ! घुल जायेंगें |
काल का अजगर
रात्रि - सन्नाटे में
शिथिल कर गुंजलक
अन्तिम दम तोड़ते
बीते हुए वर्ष को
हड़पेगा |
दूर कहीं तारों भरी गलियों से
झाँक रहा शान्ति दूत
आंसू ढाल
तार तार
तड़पेगा |
शेष पर आस है
एक विश्वास है
नया वर्ष जन्मा है
इसे एक धार दो
गिरनें से पहले ही
उठ रही गुंजलक के
पार दो |
No comments:
Post a Comment