माटी सामाजिक ,साहित्यिक ,सांस्कृतिक परिशोधन समिति रजि ० (संक्षिप्त परिचय एवं उद्देश्य )
साथियो आप सब जानते ही हैं निः स्वार्थ समाज सेवा एक कठिन साधना है ,ब्रत है ,पूजा है। जिससे आत्मिक शान्ति का बोध होता है । देश को आगे बढ़ाने के लिये अच्छे समाज की आवश्यकता होती है । समाजसेवी संस्थाओं का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा है । आधुनिकता की चकाचौंध में अकिंचन अकेला खड़ा मानव इतना समर्थवान नहीं हो सकता कि सेवा और परोपकार के क्षेत्र में अकेला कार्य कर सके संगठित परिवार के रूप में सेवा और परोपकार के लिये माटी सामाजिक ,साहित्यिक ,सांस्कृतिक परिशोधन समिति की स्थापना कानपुर में 19 अगस्त 2013 को हुयी । विदेशों से भारत आयीं संस्थायें अपने पाश्चात्य संस्कृति का विष भी भारतीय संस्कृति में मिलाकर हमारी युवा पीढ़ी को परोस रही हैं । भारतीय संस्कृति विश्व की श्रेष्ठतम संस्कृति का प्रतीक है । इसके संरक्षण तथा पाश्चात्य संस्कृति के मिश्रण से बचाने के लिये माटी परिशोधन समिति का पदार्पण हुआ भारतीय दर्शन में अन्तर्निहित जीवन की उच्चतर भाव -भूमि के अनुरूप ,भारतीय अस्मिता ,आचार सँहिता ,विश्व बन्धुत्व एवं 'वसुधैव कुटुंबकम 'के आदर्शों को लेकर भारत की निष्काम समर्पण भावना के साथ भारत में ही नहीं अपितु विश्व में शान्ति ,भाईचारा ,संरक्षण ,प्राकृतिक सम्पदा का संरक्षण ,एवं सम्वर्धन करते हुए माटी परिशोधन समिति मानव कल्याण के लिये सदैव प्रयत्नशील है ।
भारतीय संस्कृति के अनुरूप 'सर्वे भवन्तु सुखिनः ,सर्वे सन्तु निरामयः ' सर्वे भद्राणि पश्यन्त मा कश्चिद दुःख भाग्यवेत '। माटी परिशोधन समिति के सदस्य सबके सुख एवं कल्याणकारी कार्यों में अपना समय एवं सहयोग दे रहे हैं । एक दूसरे के प्रति असीम प्रेम ,सौहाद्र ,भ्रातत्व भावना के साथ संस्था का उद्देश्य है समाज के कमजोर वर्गों दीन दुखियों ,असहाय ,लाचार बीमारएवं विकलांगों की सेवा जाति -पाति ,धर्म के भेद-भाव भुलाकर मानवता की सेवा में समर्पित भाव से कार्य करना । माटी परिशोधन समिति की विभिन्न शाखाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों में विशेष रूप से बाढ़ पीड़ित सहायता ,तूफ़ान पीड़ित सहायता ,विकलांग सहायता शिविर ,ह्रदय रोग प्रशिक्षण शिविर ,परिवार कल्याण शिविर ,आक्सीजन बैंक ,होम्योपैथिक चिकित्सालय ,पुस्तकालय ,एम्बुलेंस सेवा ,आदर्श ग्राम स्थापना ,युवाओं के मध्य स्वस्थ्य सांस्कृतिक ,साहित्यिक खेलकूद एवं सामान्य ज्ञान सम्बन्धी प्रतियोगितायें ,अखिल भारतीय नाटक प्रतियोगिता ,कवि सम्मलेन ,विचार गोष्ठी ,वरिष्ठ नागरिकों के हितो के संरक्षण का प्रयास ,रक्त दान शिविर ,नेत्र चिकित्सा शिविर, मधुमेह प्रशिक्षण शिविर ,पर्यावरण संरक्षण ,प्राकृतिक सम्पदा का संरक्षण एवं संवर्धन करते हुए मानव को प्रकृति प्रेमी बनाना ,पर्यावरण जागरूकता कैंप एवं गोष्ठी का आयोजन आदि प्रमुख हैं ।
साथियो आप सब जानते ही हैं कि कल का भारत आज के छात्र -छात्राओं के द्वारा ही निर्मित होना है । इस देश नें यदि अपने आप को पश्चिमी चकाचौंध में भटका दिया तो एक छिछले प्रकार का सुख भले ही मिलता दिखायी पड़े पर उससे उन महान राष्ट्रीय मूल्यों का विकास होना संम्भव नहीं है जो भारत को एक बार फिर से विश्व के सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रों में स्थान दिला सके दुर्भाग्य ही है छः दशक की ऊपर की अवधि
में भी प्रतिभा और चरित्र का आदर्श समन्वय नहीं हो सका और विकास की दिशा एकांगी गयी है ।
दार्शनिक राधाकृष्णन नें ठीक ही कहा है कि हम विश्वविद्यालीय शिक्षा में भले ही डाक्टरेट कर रहे हों पर मानव मूल्यों की शिक्षा में इस राष्ट्र का अधिकाँश शिक्षित वर्ग किंडरगार्टन अवस्था में ही है । उपरोक्त कार्यक्रमों के अतिरिक्त समिति के सदस्य उभरती प्रतिभाओं की तलाश में हैं जिन्हें प्रोत्साहित कर रचनात्मक मानव मूल्य स्थापना की ओर प्रेरित किया जा सके इस दिशा में जो भी आदरणीय शिक्षक बन्धु प्रचार से दूर रहकर सक्षम भूमिका निभा रहे हैं उन्हें भी सम्मानित करने का कार्यक्रम हमारी बहु स्तरीय योजना का एक आवश्यक अंग है ।
हम निस्सार और खोखली बातों में विश्वास नहीं करते । रचनात्मक कर्म शैली ही हमारी सामूहिक चेतना का प्रेरणा स्रोत है । मुझे इस बात का विश्वास है कि समिति का प्रत्येक सदस्य तथा पदाधिकारी निःस्वार्थ भावना लेकर ही इस संस्था से जुड़ा है । माटी परिशोधन समिति में जो भी बन्धु समाज के प्रति समर्पण की सच्ची भावना से जुड़ना चाहें समिति उनका स्वागत करेगी ।
मैं और अधिक कुछ न कहकर टामस ग्रे की वो पंक्तियाँ दोहराऊँगा जिसमें उन्होंने कहा है कि न जाने कितनें रत्न समुद्र की अंधेरी अन्तराल गुफाओं में छिपे हैं और न जाने कितनें पुष्प मरुस्थल में छिप कर अपनी महक रेत के अम्बारों में खो देते हैं ।
" Full many a Gem of Purest Ray serene ,the dark unfathomed caves of Ocean bear
Full many a flower is born ,to blush unseen and waste its fragrance in the desert
air. "
तो आइये इन रत्नों को खोजें ,इन फूलों को तलाशें और इनकी चमक और सुगन्ध दूर -दूर तक पहुँचावें ।
साथियो आप सब जानते ही हैं निः स्वार्थ समाज सेवा एक कठिन साधना है ,ब्रत है ,पूजा है। जिससे आत्मिक शान्ति का बोध होता है । देश को आगे बढ़ाने के लिये अच्छे समाज की आवश्यकता होती है । समाजसेवी संस्थाओं का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा है । आधुनिकता की चकाचौंध में अकिंचन अकेला खड़ा मानव इतना समर्थवान नहीं हो सकता कि सेवा और परोपकार के क्षेत्र में अकेला कार्य कर सके संगठित परिवार के रूप में सेवा और परोपकार के लिये माटी सामाजिक ,साहित्यिक ,सांस्कृतिक परिशोधन समिति की स्थापना कानपुर में 19 अगस्त 2013 को हुयी । विदेशों से भारत आयीं संस्थायें अपने पाश्चात्य संस्कृति का विष भी भारतीय संस्कृति में मिलाकर हमारी युवा पीढ़ी को परोस रही हैं । भारतीय संस्कृति विश्व की श्रेष्ठतम संस्कृति का प्रतीक है । इसके संरक्षण तथा पाश्चात्य संस्कृति के मिश्रण से बचाने के लिये माटी परिशोधन समिति का पदार्पण हुआ भारतीय दर्शन में अन्तर्निहित जीवन की उच्चतर भाव -भूमि के अनुरूप ,भारतीय अस्मिता ,आचार सँहिता ,विश्व बन्धुत्व एवं 'वसुधैव कुटुंबकम 'के आदर्शों को लेकर भारत की निष्काम समर्पण भावना के साथ भारत में ही नहीं अपितु विश्व में शान्ति ,भाईचारा ,संरक्षण ,प्राकृतिक सम्पदा का संरक्षण ,एवं सम्वर्धन करते हुए माटी परिशोधन समिति मानव कल्याण के लिये सदैव प्रयत्नशील है ।
भारतीय संस्कृति के अनुरूप 'सर्वे भवन्तु सुखिनः ,सर्वे सन्तु निरामयः ' सर्वे भद्राणि पश्यन्त मा कश्चिद दुःख भाग्यवेत '। माटी परिशोधन समिति के सदस्य सबके सुख एवं कल्याणकारी कार्यों में अपना समय एवं सहयोग दे रहे हैं । एक दूसरे के प्रति असीम प्रेम ,सौहाद्र ,भ्रातत्व भावना के साथ संस्था का उद्देश्य है समाज के कमजोर वर्गों दीन दुखियों ,असहाय ,लाचार बीमारएवं विकलांगों की सेवा जाति -पाति ,धर्म के भेद-भाव भुलाकर मानवता की सेवा में समर्पित भाव से कार्य करना । माटी परिशोधन समिति की विभिन्न शाखाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों में विशेष रूप से बाढ़ पीड़ित सहायता ,तूफ़ान पीड़ित सहायता ,विकलांग सहायता शिविर ,ह्रदय रोग प्रशिक्षण शिविर ,परिवार कल्याण शिविर ,आक्सीजन बैंक ,होम्योपैथिक चिकित्सालय ,पुस्तकालय ,एम्बुलेंस सेवा ,आदर्श ग्राम स्थापना ,युवाओं के मध्य स्वस्थ्य सांस्कृतिक ,साहित्यिक खेलकूद एवं सामान्य ज्ञान सम्बन्धी प्रतियोगितायें ,अखिल भारतीय नाटक प्रतियोगिता ,कवि सम्मलेन ,विचार गोष्ठी ,वरिष्ठ नागरिकों के हितो के संरक्षण का प्रयास ,रक्त दान शिविर ,नेत्र चिकित्सा शिविर, मधुमेह प्रशिक्षण शिविर ,पर्यावरण संरक्षण ,प्राकृतिक सम्पदा का संरक्षण एवं संवर्धन करते हुए मानव को प्रकृति प्रेमी बनाना ,पर्यावरण जागरूकता कैंप एवं गोष्ठी का आयोजन आदि प्रमुख हैं ।
साथियो आप सब जानते ही हैं कि कल का भारत आज के छात्र -छात्राओं के द्वारा ही निर्मित होना है । इस देश नें यदि अपने आप को पश्चिमी चकाचौंध में भटका दिया तो एक छिछले प्रकार का सुख भले ही मिलता दिखायी पड़े पर उससे उन महान राष्ट्रीय मूल्यों का विकास होना संम्भव नहीं है जो भारत को एक बार फिर से विश्व के सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रों में स्थान दिला सके दुर्भाग्य ही है छः दशक की ऊपर की अवधि
में भी प्रतिभा और चरित्र का आदर्श समन्वय नहीं हो सका और विकास की दिशा एकांगी गयी है ।
दार्शनिक राधाकृष्णन नें ठीक ही कहा है कि हम विश्वविद्यालीय शिक्षा में भले ही डाक्टरेट कर रहे हों पर मानव मूल्यों की शिक्षा में इस राष्ट्र का अधिकाँश शिक्षित वर्ग किंडरगार्टन अवस्था में ही है । उपरोक्त कार्यक्रमों के अतिरिक्त समिति के सदस्य उभरती प्रतिभाओं की तलाश में हैं जिन्हें प्रोत्साहित कर रचनात्मक मानव मूल्य स्थापना की ओर प्रेरित किया जा सके इस दिशा में जो भी आदरणीय शिक्षक बन्धु प्रचार से दूर रहकर सक्षम भूमिका निभा रहे हैं उन्हें भी सम्मानित करने का कार्यक्रम हमारी बहु स्तरीय योजना का एक आवश्यक अंग है ।
हम निस्सार और खोखली बातों में विश्वास नहीं करते । रचनात्मक कर्म शैली ही हमारी सामूहिक चेतना का प्रेरणा स्रोत है । मुझे इस बात का विश्वास है कि समिति का प्रत्येक सदस्य तथा पदाधिकारी निःस्वार्थ भावना लेकर ही इस संस्था से जुड़ा है । माटी परिशोधन समिति में जो भी बन्धु समाज के प्रति समर्पण की सच्ची भावना से जुड़ना चाहें समिति उनका स्वागत करेगी ।
मैं और अधिक कुछ न कहकर टामस ग्रे की वो पंक्तियाँ दोहराऊँगा जिसमें उन्होंने कहा है कि न जाने कितनें रत्न समुद्र की अंधेरी अन्तराल गुफाओं में छिपे हैं और न जाने कितनें पुष्प मरुस्थल में छिप कर अपनी महक रेत के अम्बारों में खो देते हैं ।
" Full many a Gem of Purest Ray serene ,the dark unfathomed caves of Ocean bear
Full many a flower is born ,to blush unseen and waste its fragrance in the desert
air. "
तो आइये इन रत्नों को खोजें ,इन फूलों को तलाशें और इनकी चमक और सुगन्ध दूर -दूर तक पहुँचावें ।
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