विश्व के 140 देशों ने अपनी राय देकर यह प्रस्ताव पारित किया था कि हर वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जन्म दिन की स्मृति में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाये | संयुक्त राष्ट्र के महासचिव दक्षिण कोरिया के बानकी मून ने गांधी जी को अपना सबसे बड़ा आदर्श बताया | राष्ट्र पिता का एक सौ अड़तालिसवां जन्म दिन सोमवार 2 अक्टूबर 2017 को विश्व भर में श्रद्धा भरे उल्लास के साथ मनाया जायेगा | संयुक्त राष्ट्र संघ ( United Nations )ने इस दिवस को प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय (विश्व ) अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया | युग पुरुष महात्मा गांधी के सत्य , अहिंसा अन्याय ,असहयोग और आत्म- शुद्धि के आदर्शों ने मानव -जाति के सुखद भविष्य की अपार सम्भावनायें उजागर कर दी हैं | भारत मां का गर्वोदीप्त भाल अपने इस महामानव सपूत के तेज को समेट कर विश्व भर के लिये विस्मय भरे नमन का केन्द्र -बिन्दु बन चुका है | हम हिन्द वासियों को बापू की धरोहर को सहेज कर रखना है | उनकी ऊंचाई छूना तो शायद किसी भी के लिये असम्भव है पर हम सब उनके दिखाये रास्ते पर कुछ कदम चल तो सकते ही हैं | उनके दिखाये रास्ते पर विश्व के अनेक महापुरुष यादगार मंजिलें तय कर चुके हैं या कर रहे हैं | मार्टिन लूथर किंग ,नेल्सन मण्डेला ,अंग सुइकी व दलाई लामा अपने स्तर पर प्रेरणा के श्रोत बन चुके हैं | और भी न कितने मनस्वी , बलिदानी नेता , सुधारक और सृजक बापू के सिद्धांतों से युद्ध -विरत ,शान्ति आधारित , समता मूलक मानव सभ्यता की नींव भरने के लिये अमिट सामिग्री जुटाने में लगे हैं | हमें अपने दैनिक आचरण में यह प्रयास करना होगा कि हम इस महामानव की सन्तान कहे जानें योग्य मानें जा सकें | हमें सदाचार , अहिंसा ,श्रम -महत्ता ,साम्प्रदायिक सौहार्द और सामूहिक कर्तव्य पालन को अपने रोजमर्रा के कामों में ईमानदारी से लागू करना होगा | हमें अन्याय से लड़ने के लिये अहिंसक सत्याग्रह का मार्ग चुनना होगा | गांधी जी के बताये रास्ते पर चलना तलवार की धार पर चलना है | यह कायरों का मार्ग नहीं है | यह चुनौतियों भरा रास्ता है जिसपर बहादुर ही चल सकते हैं | पशु -शक्ति से ऊपर उठकर हमें इन्सानियत के बुलन्द मचानों को छूना है | बापू के जीवन की कुछ घटनाओं को अपने दिमाग में निरन्तर तरोताजा रखकर हम इस कठिन पथ पर बढ़ने की अपार शक्ति पा सकते हैं | मुहम्मद अली जिन्ना की हठ धर्मिता के कारण बापू की इच्छा के विपरीत ,भारत विभाजन हुआ | पूर्वी पकिस्तान में भड़के साम्प्रदायिक दंगो को रोकने के लिये स्वयं वाइसराय लार्ड माउन्ट बेटन ने उनसे हाँथ जोड़कर बंगाल जाकर सद्बुद्धि जगानें का आग्रह किया | क्योंकि सारी सेना तो पंजाब के धर्मोन्मादी पागलपन को रोकने में लगी थी | और तब 78 वर्षीय महामानव निकल पड़ा बंगाल की ओर | नाआरवाली के गाँवों में चला घूमने युग सन्यासी | जादू का सा असर हुआ और समूचे बंगाल में मानव -मूल्यों की विजय हुयी |स्वतन्त्र भारत के हर नागरिक को गांधी जी की इस विरासत को संजोये रखना है | साम्प्रदायिक हठधर्मिता और धर्मोन्माद के अन्धेपन से मुक्त होकर हमें आपसी भाईचारे ,पारस्परिक विश्वास और एक कुटुम्ब के सदस्यों की भांति रहना है मतभेदों को अहिंसक ढंग से आपसी विचार- विमर्श से तय करना है | गान्धी जी की धर्मधारणा इतनी व्यापक और विशाल है कि उसमें समूची विश्व मानवता का समावेश होता है | एक सच्चा हिन्दू , एक सच्चा मुसलमान , एक सच्चा सिक्ख , एक सच्चा ईसाई समान मानव मूल्यों की पीठिका पर खड़े हैं | उन सबको सच्चाई के रास्ते पर चलकर जनकल्याण के आदर्श को संजोकर एक ऐसी दुनिया गढ़नी है जो भूख , हिंसा , आतंक , अत्याचार और अभाव से मुक्त हो | मोहन दास करम चन्द्र गान्धी ईश्वरावतारों की भांति धरती पर नर लीला करने नहीं आये थे | वे नरता में ईश्वरत्व की स्थापना कर सकने की क्षमता का प्रमाण देने आये थे | दक्षिणी अफ्रीका में अमानवीय और पशुबल आधारित मिले दुर्व्योहार ने उन्हें मानव सम्बधों को देखने समझनें की नयी द्रष्टि प्रदान की विधि -सम्मत अधिकार होने के बावजूद गोरों द्वारा गाड़ी के डिब्बे से बाहर फेंक दिये जानें पर विलायत से डिग्री पाये बैरिस्टर ने क़ानून की हास्यास्पद विडम्बना को पहचाना | प्लेटफार्म पर काटी गयी उस भीषण ठिठुरती रात में गांधी जी ने जीवन को देखने समझनें की वैसी ही द्रष्टि प्राप्त की जैसी सिद्धार्थ गौतम ने बोध गया में अर्जित की थी | हिंसा , पाखण्ड , दर्प और वासना के शिकंजों में छटपटाती मानवता को उसका सहज , सरल नीति -आधारित ,ऊर्ध्वगामी रूप देकर मुक्त करने का अटूट संकल्प गान्धी जी के मन में रूपायित हो उठा | और यहां से चल पड़ा प्राण -शक्ति से प्रेरित चेतना वायु का प्रबल प्रवाह जिसनें सड़ांध भरी सामाजिक , राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था को ललकार कर आत्म मनन द्वारा अपने को सुधारनें के लिये विवश किया | झूठे मुखौटे उतारे जाने लगे , कालीन के नीचे छिपी गन्दगी की परतें उजागर हुयीं और चापलूसी की भाषा मसीही रंग लेने लगी | जीवन -बलिदान के अन्तिम क्षण तक गांधी जी की वाणी विश्व के सबसे बड़ी नीति आधारित मानवीय वाणी के रूप में जानी -मानी जाती रही | भारत की अजेय , अटूट ,कालजयी सांस्कृतिक परम्परा के वह गौतम बुद्ध के बाद सबसे बड़े प्रतीक थे | विन्स्टन चर्चिल ने जिसे एक दिन ' Naked Fakir' कहकर वर्णित किया था वही ' Naked Fakir 'आज न केवल इंग्लैण्ड ,अमरीका और पश्चिमी दुनिया वरन सारे संसार का आराध्य है | तराजू के जिस पलड़े पर गांधी जी खड़े होंगें वह पलड़ा दूसरे पलड़े पर विश्व का सब कुछ रख देने पर भी भारी पडेगा |
सत्य की शोध के लिये गांधी जी ने जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में जोखिम भरे प्रयोग किये | आत्म संयम द्वारा वासना विजय और आत्म चिन्तन द्वारा पाया उनका कर्तव्याकर्तव्य का बोध भाव उन्हें अदभुत ऊँचाइयों तक उठा गया | हाड -मांस की काया में परिवेष्ठित इस महामानव की आत्म मानव -पवित्रता के उज्ज्वल अक्षय स्रोत से अटूट ऊर्जा पाने लगी भारतीय समाज की विसंगतियों को अपने दैनिक जीवन आचरण से ठुकरा कर उन्होंने व्यवहारिक आदर्शों को समाज के समक्ष रखा | छुआछूत की अन्ध परम्परा मानव -समानता के गांधी आचरित व्यवहार के सामने हास्यास्पद दिखायी पड़ने लगी | अपने हांथों से आश्रम के ट्वाइलट्स की सफाई कर गांधी जी ने हर छोटे कहे जानें वाले कार्य में छिपी महान पवित्रता को उजागर किया | सहधर्मिणी कस्तूरबा को अपनी नैतिक चेतना का प्रेरक बनाकर उन्होंने व्यवहारिक जीवन में नारी समानता के आदर्श को स्थापित किया | वृहत्तर समाज के लिये परिवार केन्द्रित स्वार्थ वृत्ति का सर्वथा उन्मूलन कर उन्होंने महात्मा शब्द को चरितार्थ कर दिखाया | उन्हें अपनी धोती में भी हिन्दुस्तान के देहातों की शुचि सफेदी ही चाहिये थी न कि कलफ की हुयी जगमग कौंध | निश्चय ही भारत की मिट्टी ने फिर एक दिव्य प्रकाश अन्धकार में भटकी मानवता को राह दिखाने के लिये उपजाया था | अतिरिक्त बौद्धिकता और तर्क जाल की भूल भुलैयों में फंसी विश्व -मानवता किसी मानव पैगम्बर की तलाश में थी और गांधी जी तक पहुँच कर यह तलाश अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकी | सार्थक निर्णय और सत्य तक पहुंचने के लिये गांधी जी ने एक सर्वकालिक और अचूक तिलस्म हमें दिया | उन्होंने बताया कि किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिये हमें यह देखना होगा कि उस निर्णय से सबसे दीन -हीन व्यक्ति या समुदाय का कितना सकारात्मक उत्थान संभ्भव हो पायेगा | दूसरे की पीड़ा को जानना ही तो मनुष्य होना है | वैष्णव जन तो तेनें कहिये जे पीर परायी जाने रे | विश्व पीड़ा को अपने में समेटना ही तो वैश्विक जीवन -दर्शन की आधार भूमि है | ' वसुधैव कुटुम्बकम ' की आर्ष संकल्पना अपने मूर्त रूप में गांधी जी में साकार हुयी थी | तभी तो श्वेत , श्याम ,पीत पाण्डुर ,धूमल और निर्मल सभी उनकी चरण रज को माथे पर लगाने के लिये लालायित रहते थे | यह ललक आज भी उनके आदर्शों को पाने के लिये बेचैन है और यही कारण है जिसनें संयुक्त राष्ट्र संघ को महात्मा गांधी के जन्म दिवस को अहिंसा दिवस के रूप में मनाये जानें की प्रेरणा दी | चाँद से मंगल ,शुक्र और फिर असंख्य आकाश गंगाओं की जगमग छटाओं में पहुंचने को उत्सुक मानव मन अब इस बौने संसार में सिमट कर नहीं बंध रहा है | नागासाकी , हिरोशिमा के बचकाने कारनामें सच्ची इंसानियत पर बदनुमा धब्बों की भांति बैठे हैं | क्षुद्रता , संकीर्णता और उन्मादी धर्मान्धता के नाम पर हो रहा रक्तपात मानव सभ्यता की निरर्थकता की कहानी है | आतंकवाद अपने नंगें हिंसक नाच के बीच भी अपने को कोस रहा है और सोच रहा है कि यदि आतंकवादियों का तथाकथित सत्य वास्तविक सत्य है तो उसकी स्वीकृति के लिये सीमान्त गांधी के अवतरण की आवश्यकता है | सत्य की पहचान के लिये महात्मा गांधी द्वारा सुझाये गये तिलस्म का सहारा लेना होगा | निर्दोष नर नारियों के खून से खेली जानें वाली होली मानव सभ्यता का सबसे घृणित अध्याय है | आतंकवाद की कुरूपता ने हिटलर और मुसोलिनी को भी कम काला कर दिया है | पथभ्रष्ट विनाशोन्मुख मानव सभ्यता अब गांधी मार्ग की सार्थकता का अहसास कर रही है | देर आयद दुरुस्त आयद | संतृप्त मानव जाति के लिये इस महामानव की मुस्कान सांत्वना का जादू बिखेर रही है | प्रेमचन्द्र की बहुचर्चित कहानी ' पंच परमेश्वर ' गांधी जी की पंचायती राज की नीतिपरक अवधारणा पर आधारित है | गांधी जी जानते थे कि सामूहिक चेतना को ऊंचाई वाले रास्ते पर चलने के लिये एक कारगर प्रेरक व्यवस्था कायम करनी होगी | पंचायती राज इस दिशा में एक सही कदम है बशर्ते कि इसका नियमन चरित्रवान व्यक्तियों के हाँथ में हो | नकारात्मक चिन्तन के भ्रम में उलझे उन मनोविश्लेषकों से गांधी जी सहमत नहीं थे जो यह मानते हैं कि मानव जाति ' Death Wish ' से ग्रस्त है और कोई व्यवस्था उसे उबार नहीं पायेगी | बापू का अटल विश्वास था कि मनुष्य में कहीं न कहीं पशुता से ऊँचे उठने की प्रवृत्ति दबी है | उसमें अमिट , अविनश्वर , प्रभापूर्ण , नीतिमूलक विश्व मानवता का अंश मौजूद है और हमें मिलकर इस आन्तरिक ऊर्जा को प्रत्येक व्यक्ति में क्रियाशील करना है | अतीत भारत में ग्राम -सभाओं में सामूहिक निर्णय लिये जाते थे | पंचायतों की यह न्याय व्यवस्था प्रशासन को और अधिक सुद्रढ़ बनायेगी | वे जानते थे कि युग विशेष में कुछ निर्णय शायद अधिक विवेक -सम्मत न रहे हों क्योंकि उस समय की सामाजिक संरचना और नियामक विधि -विधान तत्कालीन परिस्थितियों से प्रभावित थे | पर प्रकाश की प्रक्रिया अनवरत रूप से आगे बढ़ती रहती है और आज पंचायत राज्य के द्वारा भारतीय संविधान में लक्षित अधिकारों और कर्तव्यों को कारगर ढंग से लागू किया जा सकता है | अपने गहन चिन्तन मनन से बापू इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि हिन्दुस्तानी संस्कृति की सनातनता का कारण भारतीय ग्रामों की पंचायत व्यवस्था ही थी | युद्धों की विजय पराजय और राजसत्ता के उलट फेर के बावजूद पंचायत व्यवस्था की निरन्तरता ने भारतीय समाज के मूल तानें बानें को सुरक्षित रखा | गंगा जमुना संस्कृति का विकास भी पंचायत व्यवस्था की एक अनमोल देन है और न्याय- व्यवस्था भी अपनी युगीन परिस्थितयों से प्रभावित होकर भी पंचायतों के द्वारा सार्थक भूमिका निभाती रही है | राज सत्ता का विकेन्द्रीकरण न केवल उसे अधिक प्रभावी बनाता है बल्कि उसे अधिक पारदर्शी भी बनाता है | बापू की यही चिन्तना स्वतन्त्र भारत में पंचायत व्यवस्था को अखिल भारतीय स्तर पर लागू करने की प्रेरणा बनी है | ग्राम समाज के सशक्तीकरण में इस व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान है और अब नारियों के लिये आरक्षण की अनिवार्यता हो जानें के कारण पंचायत व्यवस्था कहीं अधिक प्रभावी बनकर नर -नारी की समानता को सही अर्थों में चरितार्थ करेगी | राष्ट्र कवि मैथलीशरण की अभिव्यक्ति भारतीय समाज के दैनिन्दन जीवन में साकार हो सकेगी | ' एक नहीं है दो -दो मात्रा नर से भारी नारी |'
जवाहर लाल नेहरू ने लिखा है कि गांधी जी के आगमन के साथ ही भारतीय राजनीति में एक प्राणद शक्ति तरंग का प्रभाव चल पड़ा | दक्षिणी अफ्रीका में उनके अहिंसक किन्तु विधि सम्मत और जोखिम भरे प्रयोगों ने रंग भेद की अमानवीय धारणा को एक करारा झटका दिया था | आत्म -शक्ति के द्वारा अन्याय से लड़ने और आततायी शक्तियों से जूझने की उनकी अहिंसक नीति पीड़ित मानवता के समक्ष एक नया मार्ग प्रस्तुत कर रही थी | शस्त्र बल पर आधारित पशु -शक्ति की टक्कर के झेलने के लिये वज्र -शक्ति से भरी सुद्रढ़ छातियों और नीति गौरव से भरे ऊँचे उठे माथों की आवश्यकता थी | गांधी जी की इकहरी किन्तु लौह तारों जैसी सुद्रढ़ काया अपनी अन्तर रचना में कितनी अपार प्राण ऊर्जा छिपाये है इसका परिचय विश्व को हो चला था | गांधी जी के आने के साथ ही भारतीय राजनीति का कायाकल्प हो गया | उनके चुंबकीय व्यक्तित्व ने भारत की प्रखरतम प्रतिभाओं को अपनी ओर खींच लिया | स्वदेशी की पुकार पर न जानें कितने सूट ,जाकेट , टाइयों और गळफासियां आग में जलकर राख हो गयीं | राजमहलों में पले , चांदी के हिडोलों पर झुलाये गये किशोर , नवयुवक और नवयुवतियां वैभव को तिलांजलि देकर फकीरी की राह पर निकल पड़े एक ऐसी राह जो सलाखों के पीछे और फांसी के फंदे तक ले जा सकती थी | घुटनों तक लपटी हुयी गांधी की धोती स्वर्ण तार खचित लबादों और हीरे जड़ित टोपियों से कहीं अधिक मूल्यवान हो उठी | अपने युग का विश्व का सबसे शक्तिशाली साम्राज्यवादी ढांचा भारत के अधनंगे फ़कीर की ललकार पर लड़खड़ाने लगा | सविनय अवज्ञा आन्दोलन , सत्याग्रह , अत्याचार को मरण की पीड़ा को अहिंसक ढंग से सहने की दार्शनिक उपपत्ति और जीवन के मूल्यों को नष्ट करने वाले कानूनों की नफरमानी , इन सब ने विश्व जनमत को गहराई से प्रभावित किया | अंग्रेजी सत्ता मानव सभ्यता से बहुत दूर एक बारबेरिक ( आदिम कालीन जंगली व्यवस्था ) के रूप में दिखाई पड़ने लगी | इंग्लैण्ड का सामान्य जन मानस क्रूर शोषण और रक्तपात पर पनपती साम्राज़्यवादी व्यवस्था से विमुख होने लगा | डांडी मार्च , भारत छोड़ो आन्दोलन , सामूहिक चेतना शुद्धि के लिए किये गए उपवास और पथ पवित्रता पर अतिरिक्त आग्रह -इन सबने गांधी दर्शन को एक व्यापक , ठोस , बुद्धि -गम आकार दे दिया | साम्यवाद , अधिनायकवाद और नस्लवाद की दार्शनिक व्याख्यायें गांधी दर्शन के सामने बचकानी लगने लगीं | चौरी- चौरा में होने वाली हिंसा के लिये प्रतिकार स्वरूप किया जानें वाला उपवास सिद्धान्त -निष्ठा का अभूतपूर्व उदाहरण बना रहेगा | हिन्दुस्तान की आजादी में फांसी के तख्ते पर झूल जानें वाले शहीदों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता | आजाद हिन्द फ़ौज का महत्व भी चिर -स्थायी है | अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां और विश्व युद्ध भी आजादी प्राप्ति की दिशा में सहायक रहे हैं | पर हिन्दुस्तान की आजादी को समग्र सार्थकता से समझनें के लिये यह अनिवार्य है कि हम उसे गांधी जी के अहिंसक , घृणा -मुक्त ,नीति परक और पवित्र पथ पर चलकर पवित्र लक्ष्य की प्राप्ति के सिद्धान्त से जोड़कर देखें | और गांधी जी की मृत्यु ,उनका बलिदान उनका महापरिनिर्वाण , उनका ज्येष्ठ पाण्डव सरीखा स्वर्गारोहण ,उनकी शूली -पीड़ा -हे राम ,शरण में लो -शर्मसार हिन्दुस्तान को इस अभिशाप से मुक्त करो -निर्मल कर दो प्रभु साम्प्रदायिकता के इस कलुष से |
अहमद नगर फोर्ट में छह वर्ष की कारागार सजा सुनाने से पहले पीठासीन अंग्रेज न्यायाधीश ने गांधी जी के सम्मान में अपनी टोपी उतार कर कहा था कि प्रभु यीशु के बाद किसी इन्सानी अदालत में खड़े होने वाले वे दूसरे सबसे बड़े महामानव थे और विश्व के महानतम वैज्ञानिक खगोलज्ञ ने गांधी निधन पर कहा था कि आने वाली पीढ़ियां मुश्किल से विश्वास कर पायेंगीं कि हाड़मांस की काया में दैवी ऊर्जा सम्पन्न इतना बड़ा इन्सान कभी इस धरती पर रहा था | तभी तो नोबेल प्राइज कमेटी 2 अक्टूबर 2007 से निरन्तर विश्व अहिंसा के रूप मनाये जानें वाले संयुक्त राष्ट्र के सर्व सम्मत प्रस्ताव के अवसर पर अपनी इस भूल के लिये माफी मांग रही है कि उसने गांधी जी को नोबेल शान्ति पुरस्कार देने का निर्णय न लेकर एक अविस्मरणीय गलती की है | बापू , विश्व तुम्हें अपनी बाँहों में समेट रहा है -हम भारत वासियों को छोड़ न जाना |
सत्य की शोध के लिये गांधी जी ने जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में जोखिम भरे प्रयोग किये | आत्म संयम द्वारा वासना विजय और आत्म चिन्तन द्वारा पाया उनका कर्तव्याकर्तव्य का बोध भाव उन्हें अदभुत ऊँचाइयों तक उठा गया | हाड -मांस की काया में परिवेष्ठित इस महामानव की आत्म मानव -पवित्रता के उज्ज्वल अक्षय स्रोत से अटूट ऊर्जा पाने लगी भारतीय समाज की विसंगतियों को अपने दैनिक जीवन आचरण से ठुकरा कर उन्होंने व्यवहारिक आदर्शों को समाज के समक्ष रखा | छुआछूत की अन्ध परम्परा मानव -समानता के गांधी आचरित व्यवहार के सामने हास्यास्पद दिखायी पड़ने लगी | अपने हांथों से आश्रम के ट्वाइलट्स की सफाई कर गांधी जी ने हर छोटे कहे जानें वाले कार्य में छिपी महान पवित्रता को उजागर किया | सहधर्मिणी कस्तूरबा को अपनी नैतिक चेतना का प्रेरक बनाकर उन्होंने व्यवहारिक जीवन में नारी समानता के आदर्श को स्थापित किया | वृहत्तर समाज के लिये परिवार केन्द्रित स्वार्थ वृत्ति का सर्वथा उन्मूलन कर उन्होंने महात्मा शब्द को चरितार्थ कर दिखाया | उन्हें अपनी धोती में भी हिन्दुस्तान के देहातों की शुचि सफेदी ही चाहिये थी न कि कलफ की हुयी जगमग कौंध | निश्चय ही भारत की मिट्टी ने फिर एक दिव्य प्रकाश अन्धकार में भटकी मानवता को राह दिखाने के लिये उपजाया था | अतिरिक्त बौद्धिकता और तर्क जाल की भूल भुलैयों में फंसी विश्व -मानवता किसी मानव पैगम्बर की तलाश में थी और गांधी जी तक पहुँच कर यह तलाश अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकी | सार्थक निर्णय और सत्य तक पहुंचने के लिये गांधी जी ने एक सर्वकालिक और अचूक तिलस्म हमें दिया | उन्होंने बताया कि किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिये हमें यह देखना होगा कि उस निर्णय से सबसे दीन -हीन व्यक्ति या समुदाय का कितना सकारात्मक उत्थान संभ्भव हो पायेगा | दूसरे की पीड़ा को जानना ही तो मनुष्य होना है | वैष्णव जन तो तेनें कहिये जे पीर परायी जाने रे | विश्व पीड़ा को अपने में समेटना ही तो वैश्विक जीवन -दर्शन की आधार भूमि है | ' वसुधैव कुटुम्बकम ' की आर्ष संकल्पना अपने मूर्त रूप में गांधी जी में साकार हुयी थी | तभी तो श्वेत , श्याम ,पीत पाण्डुर ,धूमल और निर्मल सभी उनकी चरण रज को माथे पर लगाने के लिये लालायित रहते थे | यह ललक आज भी उनके आदर्शों को पाने के लिये बेचैन है और यही कारण है जिसनें संयुक्त राष्ट्र संघ को महात्मा गांधी के जन्म दिवस को अहिंसा दिवस के रूप में मनाये जानें की प्रेरणा दी | चाँद से मंगल ,शुक्र और फिर असंख्य आकाश गंगाओं की जगमग छटाओं में पहुंचने को उत्सुक मानव मन अब इस बौने संसार में सिमट कर नहीं बंध रहा है | नागासाकी , हिरोशिमा के बचकाने कारनामें सच्ची इंसानियत पर बदनुमा धब्बों की भांति बैठे हैं | क्षुद्रता , संकीर्णता और उन्मादी धर्मान्धता के नाम पर हो रहा रक्तपात मानव सभ्यता की निरर्थकता की कहानी है | आतंकवाद अपने नंगें हिंसक नाच के बीच भी अपने को कोस रहा है और सोच रहा है कि यदि आतंकवादियों का तथाकथित सत्य वास्तविक सत्य है तो उसकी स्वीकृति के लिये सीमान्त गांधी के अवतरण की आवश्यकता है | सत्य की पहचान के लिये महात्मा गांधी द्वारा सुझाये गये तिलस्म का सहारा लेना होगा | निर्दोष नर नारियों के खून से खेली जानें वाली होली मानव सभ्यता का सबसे घृणित अध्याय है | आतंकवाद की कुरूपता ने हिटलर और मुसोलिनी को भी कम काला कर दिया है | पथभ्रष्ट विनाशोन्मुख मानव सभ्यता अब गांधी मार्ग की सार्थकता का अहसास कर रही है | देर आयद दुरुस्त आयद | संतृप्त मानव जाति के लिये इस महामानव की मुस्कान सांत्वना का जादू बिखेर रही है | प्रेमचन्द्र की बहुचर्चित कहानी ' पंच परमेश्वर ' गांधी जी की पंचायती राज की नीतिपरक अवधारणा पर आधारित है | गांधी जी जानते थे कि सामूहिक चेतना को ऊंचाई वाले रास्ते पर चलने के लिये एक कारगर प्रेरक व्यवस्था कायम करनी होगी | पंचायती राज इस दिशा में एक सही कदम है बशर्ते कि इसका नियमन चरित्रवान व्यक्तियों के हाँथ में हो | नकारात्मक चिन्तन के भ्रम में उलझे उन मनोविश्लेषकों से गांधी जी सहमत नहीं थे जो यह मानते हैं कि मानव जाति ' Death Wish ' से ग्रस्त है और कोई व्यवस्था उसे उबार नहीं पायेगी | बापू का अटल विश्वास था कि मनुष्य में कहीं न कहीं पशुता से ऊँचे उठने की प्रवृत्ति दबी है | उसमें अमिट , अविनश्वर , प्रभापूर्ण , नीतिमूलक विश्व मानवता का अंश मौजूद है और हमें मिलकर इस आन्तरिक ऊर्जा को प्रत्येक व्यक्ति में क्रियाशील करना है | अतीत भारत में ग्राम -सभाओं में सामूहिक निर्णय लिये जाते थे | पंचायतों की यह न्याय व्यवस्था प्रशासन को और अधिक सुद्रढ़ बनायेगी | वे जानते थे कि युग विशेष में कुछ निर्णय शायद अधिक विवेक -सम्मत न रहे हों क्योंकि उस समय की सामाजिक संरचना और नियामक विधि -विधान तत्कालीन परिस्थितियों से प्रभावित थे | पर प्रकाश की प्रक्रिया अनवरत रूप से आगे बढ़ती रहती है और आज पंचायत राज्य के द्वारा भारतीय संविधान में लक्षित अधिकारों और कर्तव्यों को कारगर ढंग से लागू किया जा सकता है | अपने गहन चिन्तन मनन से बापू इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि हिन्दुस्तानी संस्कृति की सनातनता का कारण भारतीय ग्रामों की पंचायत व्यवस्था ही थी | युद्धों की विजय पराजय और राजसत्ता के उलट फेर के बावजूद पंचायत व्यवस्था की निरन्तरता ने भारतीय समाज के मूल तानें बानें को सुरक्षित रखा | गंगा जमुना संस्कृति का विकास भी पंचायत व्यवस्था की एक अनमोल देन है और न्याय- व्यवस्था भी अपनी युगीन परिस्थितयों से प्रभावित होकर भी पंचायतों के द्वारा सार्थक भूमिका निभाती रही है | राज सत्ता का विकेन्द्रीकरण न केवल उसे अधिक प्रभावी बनाता है बल्कि उसे अधिक पारदर्शी भी बनाता है | बापू की यही चिन्तना स्वतन्त्र भारत में पंचायत व्यवस्था को अखिल भारतीय स्तर पर लागू करने की प्रेरणा बनी है | ग्राम समाज के सशक्तीकरण में इस व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान है और अब नारियों के लिये आरक्षण की अनिवार्यता हो जानें के कारण पंचायत व्यवस्था कहीं अधिक प्रभावी बनकर नर -नारी की समानता को सही अर्थों में चरितार्थ करेगी | राष्ट्र कवि मैथलीशरण की अभिव्यक्ति भारतीय समाज के दैनिन्दन जीवन में साकार हो सकेगी | ' एक नहीं है दो -दो मात्रा नर से भारी नारी |'
जवाहर लाल नेहरू ने लिखा है कि गांधी जी के आगमन के साथ ही भारतीय राजनीति में एक प्राणद शक्ति तरंग का प्रभाव चल पड़ा | दक्षिणी अफ्रीका में उनके अहिंसक किन्तु विधि सम्मत और जोखिम भरे प्रयोगों ने रंग भेद की अमानवीय धारणा को एक करारा झटका दिया था | आत्म -शक्ति के द्वारा अन्याय से लड़ने और आततायी शक्तियों से जूझने की उनकी अहिंसक नीति पीड़ित मानवता के समक्ष एक नया मार्ग प्रस्तुत कर रही थी | शस्त्र बल पर आधारित पशु -शक्ति की टक्कर के झेलने के लिये वज्र -शक्ति से भरी सुद्रढ़ छातियों और नीति गौरव से भरे ऊँचे उठे माथों की आवश्यकता थी | गांधी जी की इकहरी किन्तु लौह तारों जैसी सुद्रढ़ काया अपनी अन्तर रचना में कितनी अपार प्राण ऊर्जा छिपाये है इसका परिचय विश्व को हो चला था | गांधी जी के आने के साथ ही भारतीय राजनीति का कायाकल्प हो गया | उनके चुंबकीय व्यक्तित्व ने भारत की प्रखरतम प्रतिभाओं को अपनी ओर खींच लिया | स्वदेशी की पुकार पर न जानें कितने सूट ,जाकेट , टाइयों और गळफासियां आग में जलकर राख हो गयीं | राजमहलों में पले , चांदी के हिडोलों पर झुलाये गये किशोर , नवयुवक और नवयुवतियां वैभव को तिलांजलि देकर फकीरी की राह पर निकल पड़े एक ऐसी राह जो सलाखों के पीछे और फांसी के फंदे तक ले जा सकती थी | घुटनों तक लपटी हुयी गांधी की धोती स्वर्ण तार खचित लबादों और हीरे जड़ित टोपियों से कहीं अधिक मूल्यवान हो उठी | अपने युग का विश्व का सबसे शक्तिशाली साम्राज्यवादी ढांचा भारत के अधनंगे फ़कीर की ललकार पर लड़खड़ाने लगा | सविनय अवज्ञा आन्दोलन , सत्याग्रह , अत्याचार को मरण की पीड़ा को अहिंसक ढंग से सहने की दार्शनिक उपपत्ति और जीवन के मूल्यों को नष्ट करने वाले कानूनों की नफरमानी , इन सब ने विश्व जनमत को गहराई से प्रभावित किया | अंग्रेजी सत्ता मानव सभ्यता से बहुत दूर एक बारबेरिक ( आदिम कालीन जंगली व्यवस्था ) के रूप में दिखाई पड़ने लगी | इंग्लैण्ड का सामान्य जन मानस क्रूर शोषण और रक्तपात पर पनपती साम्राज़्यवादी व्यवस्था से विमुख होने लगा | डांडी मार्च , भारत छोड़ो आन्दोलन , सामूहिक चेतना शुद्धि के लिए किये गए उपवास और पथ पवित्रता पर अतिरिक्त आग्रह -इन सबने गांधी दर्शन को एक व्यापक , ठोस , बुद्धि -गम आकार दे दिया | साम्यवाद , अधिनायकवाद और नस्लवाद की दार्शनिक व्याख्यायें गांधी दर्शन के सामने बचकानी लगने लगीं | चौरी- चौरा में होने वाली हिंसा के लिये प्रतिकार स्वरूप किया जानें वाला उपवास सिद्धान्त -निष्ठा का अभूतपूर्व उदाहरण बना रहेगा | हिन्दुस्तान की आजादी में फांसी के तख्ते पर झूल जानें वाले शहीदों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता | आजाद हिन्द फ़ौज का महत्व भी चिर -स्थायी है | अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां और विश्व युद्ध भी आजादी प्राप्ति की दिशा में सहायक रहे हैं | पर हिन्दुस्तान की आजादी को समग्र सार्थकता से समझनें के लिये यह अनिवार्य है कि हम उसे गांधी जी के अहिंसक , घृणा -मुक्त ,नीति परक और पवित्र पथ पर चलकर पवित्र लक्ष्य की प्राप्ति के सिद्धान्त से जोड़कर देखें | और गांधी जी की मृत्यु ,उनका बलिदान उनका महापरिनिर्वाण , उनका ज्येष्ठ पाण्डव सरीखा स्वर्गारोहण ,उनकी शूली -पीड़ा -हे राम ,शरण में लो -शर्मसार हिन्दुस्तान को इस अभिशाप से मुक्त करो -निर्मल कर दो प्रभु साम्प्रदायिकता के इस कलुष से |
अहमद नगर फोर्ट में छह वर्ष की कारागार सजा सुनाने से पहले पीठासीन अंग्रेज न्यायाधीश ने गांधी जी के सम्मान में अपनी टोपी उतार कर कहा था कि प्रभु यीशु के बाद किसी इन्सानी अदालत में खड़े होने वाले वे दूसरे सबसे बड़े महामानव थे और विश्व के महानतम वैज्ञानिक खगोलज्ञ ने गांधी निधन पर कहा था कि आने वाली पीढ़ियां मुश्किल से विश्वास कर पायेंगीं कि हाड़मांस की काया में दैवी ऊर्जा सम्पन्न इतना बड़ा इन्सान कभी इस धरती पर रहा था | तभी तो नोबेल प्राइज कमेटी 2 अक्टूबर 2007 से निरन्तर विश्व अहिंसा के रूप मनाये जानें वाले संयुक्त राष्ट्र के सर्व सम्मत प्रस्ताव के अवसर पर अपनी इस भूल के लिये माफी मांग रही है कि उसने गांधी जी को नोबेल शान्ति पुरस्कार देने का निर्णय न लेकर एक अविस्मरणीय गलती की है | बापू , विश्व तुम्हें अपनी बाँहों में समेट रहा है -हम भारत वासियों को छोड़ न जाना |
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